फोटो (डॉ अरुण सिंह
प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष
सामुदायिक चिकित्सा विभाग)
फोटो (डॉ. पूजा सिंधवानी, सहायक प्रोफेसर, सामुदायिक चिकित्सा विभाग)
फोटो (डॉ मनीषाएनाटॉमी विभाग)
फोटो (डॉ पियूष एनाटामी विभाग)
फोटो (डॉ पवन जोशी बायोकेमेस्ट्री विभाग)
फोटो (डॉ अभिषेक रस्तोगी बायोकेमेस्ट्री विभाग)
डॉ. अरुण सिंह, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, सामुदायिक चिकित्सा विभाग, तथा डॉ. पूजा सिंधवानी, सहायक प्रोफेसर, सामुदायिक चिकित्सा विभाग, के निर्देशन में स्वायत्त राज्य चिकित्सा महाविद्यालय एवं संबद्ध चिकित्सालय, पीलीभीत के छात्रों ने फैमिली एडॉपशन प्रोग्राम के अंतर्गत गजरौला गांव का दौरा किया।
छात्रों ने पूर्व निर्धारित प्रपत्र के माध्यम से परिवारों से संबंधित विस्तृत जानकारी एकत्र की, जिसमें पारिवारिक जनसंख्या, सामाजिक-आर्थिक स्थिति। इसके अतिरिक्त व्यक्तिगत जानकारी जैसे कि शिक्षा व्यवसाय आदि की जानकारी भी संकलित किए गए।
फोटो (प्राचार्या डॉ संगीता अनेजा)
प्राचार्या डॉ. संगीता अनेजा ने इस अवसर पर अपने संदेश में कहा कि “गांवों से जुड़कर चिकित्सा छात्रों का व्यवहारिक प्रशिक्षण न केवल उनके शैक्षणिक विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारियों को समझना आसान करता है। हमें गर्व है कि हमारे छात्र ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को समझने की कोशिश कर रहें हैं। यह अनुभव उन्हें एक संवेदनशील और जिम्मेदार चिकित्सक बनने में मदद करेगा।”
पीलीभीत मेडिकल छात्र छात्राओं ने फैमिली विज़िट के माध्यम से ग्रामीण परिवेश को समझने की कोशिश की गई
स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय एवं संबद्ध चिकित्सालय, पीलीभीत के मेडिकल छात्र छात्राओं ने गजरौला गाँव के निवासियों के पारिवारिक एवं सामाजिक परिवेश का अध्ययन किया गया डॉ. अरुण सिंह, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, सामुदायिक चिकित्सा विभाग, तथा डॉ. पूजा सिंधवानी, सहायक प्रोफेसर, सामुदायिक चिकित्सा विभाग, के निर्देशन में स्वायत्त राज्य चिकित्सा महाविद्यालय एवं संबद्ध चिकित्सालय, पीलीभीत के छात्रों ने फैमिली एडॉपशन प्रोग्राम के अंतर्गत गजरौला गांव का दौरा किया।इस भ्रमण के दौरान छात्रों के साथ डॉ. पीयूष और डॉ. मनीषा (एनाटॉमी विभाग) एवं डॉ. अभिषेक रस्तोगी (बायोकैमिस्ट्री विभाग) उपस्थित रहे, जिन्होंने छात्रों को सर्वेक्षण के दौरान डेटा संकलन में सहयोग प्रदान किया।छात्रों ने पूर्व निर्धारित प्रपत्र के माध्यम से परिवारों से संबंधित विस्तृत जानकारी एकत्र की, जिसमें पारिवारिक जनसंख्या, सामाजिक-आर्थिक स्थिति। इसके अतिरिक्त व्यक्तिगत जानकारी जैसे कि शिक्षा व्यवसाय आदि की जानकारी भी संकलित किए गए।यह भ्रमण अकादमिक अध्ययन और सामुदायिक सेवा का एक सफल समन्वय रहा, जिसने छात्रों को कक्षा में पढ़ाए गए सिद्धांतों का व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया।प्राचार्या डॉ. संगीता अनेजा ने इस अवसर पर अपने संदेश में कहा:“गांवों से जुड़कर चिकित्सा छात्रों का व्यवहारिक प्रशिक्षण न केवल उनके शैक्षणिक विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारियों को समझना आसान करता है। हमें गर्व है कि हमारे छात्र ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को समझने की कोशिश कर रहें हैं। यह अनुभव उन्हें एक संवेदनशील और जिम्मेदार चिकित्सक बनने में मदद करेगा।”सामुदायिक चिकित्सा विभाग इस प्रोग्राम में भाग लेने वाले सभी छात्रों और शिक्षकों के प्रयासों की सराहना करता है तथा गजरौला गांव के सभी निवासियों को उनके सहयोग के लिये धन्यवाद करता है।