उर्दू शायरी में कौमी यकजहती की रिवायत पर सेमिनार बरेली शहर  के अजहरी पैलेस बैंकट हॉल में आयोजित हुआ।

बरेली।जून उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा प्रायोजित एवं अखिल भारतीय मानव सेवा संस्थान लखनऊ के तत्वाधान में उर्दू साहित्य की गंगा-जमुनी तहज़ीब और उसमें छिपी कौमी यकजहती की भावना पर आधारित एक महत्वपूर्ण सेमिनार “उर्दू शायरी में कौमी यकजहती की रिवायत” विषय पर आयोजित हुआ।सेमिनार की अध्यक्षता उर्दू साहित्य के प्रख्यात विद्वान एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ. मेराजुल हसन साहब ने की। मुख्य अतिथि के रूप में श्री नवनीत कुमार शर्मा ने शिरकत की और अपने उद्बोधन में कहा कि “उर्दू शायरी ने हमेशा प्रेम, एकता और भाईचारे का संदेश दिया है, जो आज के समय में और भी प्रासंगिक हो गया है।”कार्यक्रम का संचालन भावपूर्ण अंदाज़ में डॉ रबाब अंजुम ने किया। उन्होंने शायरों की मिसालों और शेरों के माध्यम से विषय को जीवंत कर दिया।इस अवसर पर दिल्ली से तशरीफ़ लाए डॉ शफी अय्यूब , डॉ अवनीश कुमार यादव , डॉ शाकिर हुसैन इस्लाही , डॉ ज़ेबा नाज़ , डॉ रबाब अंजुम और जनाब मज़हर रामपुरी ने ज्ञान से परिपूर्ण मक़ाले पेश किए l इस संगोष्ठी में कई विद्वानों, विद्यार्थियों और साहित्यप्रेमियों ने भाग लिया। सेमिनार के माध्यम से यह स्पष्ट किया गया कि उर्दू शायरी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि एक साझा सांस्कृतिक विरासत है, जो समाज में सौहार्द और मेल-जोल को बढ़ावा देती है। कार्यक्रम के अंत में अध्यक्ष की और से सभी आगंतुकों और सहभागियों का आभार व्यक्त किया गया । उन्होंने कहा की इस प्रकार की संगोष्ठी देश में एकता लाने की और एक सार्थक पहल है ।कार्यक्रम में अर्जुन कुमार, इमरान ख़ान , ह्यूमन आज़ाद , तंज़ील ख़ान , राशिद सुल्तानी, वेद प्रकाश , शैलेश मिश्रा , अमित कुमार सक्सेना , डॉ अनिल दोहरे , फ़ैयाज़ अली , सामी हुसैन और तैयबा ख़ान उपस्थित रहेl

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