क्या है डेंगू बीमारी? जाने
फोटो डॉ संगीता अनेजा
प्रधानाचार्या
डेंगू मच्छर से फैलने वाला एक वायरल संक्रमण है, जो विशेष रूप से उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा बना हुआ है। यह डेंगू वायरस के कारण होता है, जो मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। बढ़ते तापमान और शहरीकरण के कारण डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीमारी को रोकने और नियंत्रित करने के लिए लोगों में जागरूकता बेहद जरूरी है।
कारण और संचरण:-
डॉ अरुण सिंह
प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष
सामुदायिक चिकित्सा विभाग
डेंगू तब फैलता है जब कोई एडीज मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है। ये मच्छर आमतौर पर दिन में काटते हैं, खासकर सुबह और शाम के समय।डेंगू वायरस के चार प्रकार होते हैं: डेन वी-1, डेन वी-2, डेन वी-3 और डेन वी-4। कोई भी व्यक्ति इन चारों प्रकार से जीवन में कभी भी संक्रमित हो सकता है। एक से अधिक बार संक्रमण होने पर गंभीर डेंगू (डेंगू हेमोरेजिक फीवर) होने का खतरा बढ़ जाता है।
क्या हैं इस बीमारी के लक्षण:-
डॉ रमाकांत सागर
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक
डेंगू के लक्षण आमतौर पर मच्छर के काटने के 4 से 10 दिन बाद दिखाई देते हैं:
• तेज बुखार (104°F या 40°C तक)
• तेज सिरदर्द
• आंखों के पीछे दर्द
• मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द (“हड्डी तोड़ बुखार”)
• मतली और उल्टी
• त्वचा पर चकत्ते
• थकान
• हल्का खून आना (नाक या मसूड़ों से)
गंभीर डेंगू के लक्षण, जिनमें तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए:
• पेट में तेज दर्द
• बार-बार उल्टी
• नाक या मसूड़ों से खून आना
• उल्टी या मल में खून
• सांस लेने में परेशानी
• अत्यधिक थकान या बेचैनी
जांच और उपचार:-
डेंगू का कोई विशेष एंटीवायरल इलाज नहीं है। इसकी पुष्टि खून की जांच द्वारा की जाती है।
इलाज में सहायक देखभाल शामिल है:
• भरपूर आराम
• ज्यादा पानी और तरल पदार्थ पीना
• बुखार और दर्द के लिए पैरासिटामोल लेना (एस्पिरिन या आईबुप्रोफेन न लें क्योंकि ये रक्तस्राव बढ़ा सकते हैं)
गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता हो सकती है।
इस बीमारी से बचाव:-
डेंगू से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है मच्छरों से बचाव और उनके प्रजनन को रोकना।
• पूरी आस्तीन के कपड़े पहनना और मच्छर भगाने वाली क्रीम का उपयोग करना
• मच्छरदानी और जाली का इस्तेमाल
• घर के आसपास पानी जमा न होने देना (गमलों, बाल्टियों, पुराने टायर आदि में)
• पानी की टंकियों को ढककर रखना और नियमित रूप से साफ करना
• मच्छर मारने वाली स्प्रे, क्वाइल या वैपोराइज़र का प्रयोग
• प्रभावित क्षेत्रों में फॉगिंग करवाना
कुछ देशों में डेंगू की वैक्सीन उपलब्ध है, लेकिन यह केवल उन्हीं लोगों को दी जाती है जिन्हें पहले डेंगू हो चुका है।
निष्कर्ष:-
डेंगू एक ऐसी बीमारी है जिसे रोका जा सकता है और समय पर पहचान होने पर इसका प्रभावी इलाज संभव है। यदि हम जागरूक रहें और बचाव के उपाय अपनाएं, तो व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर डेंगू को फैलने से रोका जा सकता है। डेंगू से लड़ने के लिए जनसहयोग अत्यंत आवश्यक है।